MS DOS(Micro Soft Disk Operating System)
Introduction of MS DOS (MS DOS का परिचय ):
एम एस डॉस इक ऑपरेटिंग सिस्टम है। प्रत्येक कंप्यूटर को चलाने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम की आवश्यकता होती है। ऑपरेटिग सिस्टम का मुख्य कार्य कम्प्यूटर एवं सॉफ्टवेयर के बिच हार्डवेयर को स्थापित करते हुए कम्प्यूटर से वार्तालाप करना है।
इसको माइक्रोसॉफ्ट कॉपोरेशन द्वारा 1981 ई ० में तैयार किया गया। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के माध्यम से डिस्क को ऑपरेट करने तथा उस डिस्क के अंतर्गत प्रोग्राम को अपडेट करने का कार्य सफलतापूर्वक किया जा सकता है। इसलिए इसको डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम कहा जाता है।
एम एस डॉस में होने वाले कार्य :
- एम एस डॉस में किसी भी कार्य को करने के लिए कमांड का प्रयोग किया जाता है।
- इसमें हम किसी भी नाम से डाइरेक्टरी का निर्माण कर सकते है और अन्तर्गत किसी फाइल का निर्माण कर सकते है।
- एम एस डॉस द्वारा बनाई गई फाइल अथवा डाइरेक्टरी को मिटाया जा सकता है।
Directory (डाइरेक्टरी ):
डाइरेक्टरी एक कवर की तरह कार्य करती है जिस प्रकार कवर किसी डॉक्युमेंट को रखने का कार्य करता है। ठीक उसी प्रकार डाइरेक्टरी फाइल को रखने का कार्य कराती है।
डाइरेक्टरी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है।
- मेन डाइरेक्टरी
- सब डाइरेक्टरी
मेन डाइरेक्टरी (Main Directory):
कंप्यूटर में सबसे पहले लिखने वाली डाइरेक्टरी को मेन डाइरेक्टरी या रुट डाइरेक्टरी कहते है।
सब डाइरेक्टरी (Sub Directory):
मेन डाइरेक्टरी के अंतर्गत बनाई गयी समस्त डाइरेक्टरी को सब डाइरेक्टरी कहते है।
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