लिनक्स को कैसे इन्सटॉल करे 



1. इन्सटॉलेशन डिस्क क्रिएट करना:

लिनक्स की इस्टॉलेसन डिस्क को क्रिएट करने के लिए निचे दिए गए बिन्दुओ का अनुसरण करे -

A. Red Hat CD-Rom को ड्राइव में इन्सर्ट करके माउंट करते है। 

B. फ्लॉपी डिस्क ड्राइव में एक ब्लैंक फ्लॉपी डिस्क को इन्सर्ट करते है। 

C. कमांड प्रांप्ट पर #dd if = mnt/cdrom/images/booting of = /dev/fdo bs=1440 लिखकर एंटर दबाते है। 

D. फ्लॉपी इनस्टॉलेसन डिस्क द्वारा कंप्यूटर को बूट करते है। 

या लिनक्स इनस्टॉलेसन CD-Rom से कंप्यूटर को बूट करते है। 

या DOS कमांड से कंप्यूटर को बूट करते है। 

या हार्ड डिस्क ड्राइव के किसी पार्टीशन में लिनक्स का इनस्टॉलेसन सॉफ्टवेयर स्टोर करके इसका प्रयोग करते है। 

या HTTP या FTP का प्रयोग करके कंप्यूटर को बूट करते है। 


2. हार्ड डिस्क पार्टीशन करना :

लिनक्स सिस्टम के हार्ड डिस्क को निम्नलिखित पार्टीशन में विभाजित किया जा सकता है -

(a) /swap डायरेक्टरी इसके लिए RAM को दोगुना स्पेस दिया जाता है। 

(b) /root डायरेक्टरी इसके लिए पूरी डिस्क के एक हिस्से का 60% भाग दिया जाता है। 

(c) /bin डायरेक्टरी इसके लिए पूरी डिस्क के एक हिस्से का 20% भाग दिया जाता है। 

(d) /usr इसके लिए डिस्क के किसी हिस्से का बाकि बचा हुआ हिस्सा दिया जाता है। 


3. लिनक्स बूटिंग प्रोसेस:

लिनक्स अपने बूटिंग प्रोसेस में निम्नलिखित चरणों का अनुसरण करता है -

(a) कर्नेल को मेमोरी  लोड करता है। 

(b) CPU टाइपिंग टेस्ट को एक्सीक्यूट करता है। 

(c) CPU बूट टाइम कर्नेल आर्ग्युमेंट्स को पार्स (Parse) करता है। 

(d) कर्नेल की मेमोरी तथा प्रोसेस हैंडलिंग को सेट-अप करता है। 

(e) स्क्रीन को ओपन करता है। 

(f) सिस्टम की सभी कॉन्फ़िगर्ड डिवाइस को इनाशियलाइज करता है। 

(g) फाइल सिस्टम को सेट-अप और  करता है। 

(h) init नाम से प्रोसेस को एक्सीक्यूट करता है। 

(i) Login Prompt प्रदर्शित करता है। 


यूजर इंटरफ़ेस:

यूजर इंटरफ़ेस कंप्यूटर और यूजर के मध्य एक इंटरफ़ेस  ब्रिज का कार्य करता है।  प्रोग्राम को एक्सीक्यूट करने, एप्लीकेशन को रन करने तथा डिवाइसेस को कनेक्ट करने के लिए इंटरफ़ेस का  प्रयोग किया जाता है। 

इंटरफ़ेस मुख्यतः  दो प्रकार के होते है- 

कैरेक्टर यूजर इंटरफ़ेस(Character User Interface):

ऐसा इंटरफ़ेस जो शब्दों तथा अक्षरो को कमांड्स के रूप में स्वीकार्य करता है। करैक्टर यूजर इंटरफ़ेस कहलाता है। 

ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस(Graphical User Interface):

ऐसा इंटरफ़ेस जो यूजर को स्क्रीन पर उपस्थित ऑब्जेक्ट्स पर पॉइंट या क्लिक करके कमांड्स के रूप में स्वीकार्य करता है। ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस कहलाता है। 

 

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