मैलवेयर की परिभाषा :

मैलवेयर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है। यह जाने अनजाने में ही आप कंप्यूटर में आ सकता है। यह आपकी निजी या किसी सवेदनशील जानकरी इकट्ठा कर सकता है। मैलवेयर आपके किसी भी डाटा को किसी अन्य डिवाइस में भेज सकता है। मैलवेयर का प्रयोग हैकर्स अक्सर किसी के निजी डाटा में सेंध लगाने के लिए करते है। जिससे वे आपका महत्वपूर्ण डाटा आसानी से चुरा सके। 

मैलवेयर के प्रकार : 


वैसे तो मैलवेयर कई प्रकार के पाए जाते है जिसमे से कुछ प्रमुख मैलवेयर निम्न है। 
1. Computer Worms(कंप्यूटर वर्म्स)
2.Trojans Horse(ट्रोजन हॉर्स)
3. Virus(वायरस)
4. Spyware(स्पाईवेयर)
5. Adware(एडवेयर)


1. Computer Worms(कंप्यूटर वर्म्स):

यह एक प्रकार का दुर्भावनापूर्ण प्रोग्राम होता है। यह आपके कंप्यूटर में किसी नेटवर्क के माध्यम से सकता है। जैसे की USB Drive , Hard drive , Media Storage और Email इत्यादि से आ सकता है।मैलवेयर आपके कंप्यूटर में बहुत ही तेजी से फैलता है। यह मैलवेयर आपके कंप्यूटर की मौजूदा फाइल को डिलीट कर देता है। और यह आपके RAM (Random Access Memory) की स्पीड को कम कर देता है। 
जिससे आपका कंप्यूटर हैंग करने लगता है। 

2.Trojans Horse(ट्रोजन हॉर्स):

Trojans Horse भी एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है शुरुआत में यह एक उपयोगी और सुरक्षित होने का दावा करता है। और जब आप से अपने कंप्यूटर में शामिल कर लेते है तो यह आपकी फाइलो और हार्डडिस्क को नुकसान पहुँचता है।मैलवेयर आपकी व्यक्तिगत और सवेदनशील जानकारी गलत लोगो को पहुँचता है। 
ज्यादातर मैलवेयर बिना एंटीवायरस के इंटरनेट इस्तेमाल करने और इंटरनेट से मुफ्त एंटीवायरस या अन्य सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करने से आता है। 

3. Virus(वायरस):

Virus एक प्रकार का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कोड होता है। जो आपके कंप्यूटर में घुसकर या किसी अन्य डिवाइस में घुसकर आपके कंप्यूटर को कार्य करने में बांधा उत्पन्न करता है। ज्यादातर कंप्यूटर वायरस कंप्यूटर के हार्डडिस्क के Boot sector में जाकर हार्डडिस्क को नुकसान पहुँचाता है।
धीरे-धीरे यह आपके हार्डडिस्क और डिवाइस के हर एक प्रकार की ममोरी में फ़ैल जाता है और उसमे रखे गए डाटा को क्षतिग्रस्त करता है। एक बार डिवाइस में वायरस फ़ैल जाने पर नष्ट हुए डाटा को पुनः प्राप्त कर पाना काफी मुशकील होता है। 

4. Spyware(स्पाईवेयर):

यह एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है। यह आपकी इजाजत के बिना ही डिवाइस में सॉफ्टवेयर इन्टॉल करके जानकारी एकत्रित करता है। आम तौर पे spyware की स्थिति आप से छुपी होती है। ताकि वे आप के डिवाइस पर नजर रख सके।  
मैलवेयर मुख्य उद्देश्य आपकी इंटरनेट पर हो रही गतिविधियों पर नजर रखना होता है। 

5. Adware(एडवेयर):

Adware एक प्रकार का एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होता है यह स्पाईवेयर की तरह ही कार्य करता है। फर्क सिर्फ इतना है की यह सॉफ्टवेयर इनस्टॉल नहीं कर सकता है। 


मैलवेयर कहा से आते है :

मैलवेयर आपके कंप्यूटर में कई प्रकार से आ सकते है। इसके प्रमुख श्रोत ईमेल अटैचमेंट,टोरेंट सॉफ्टवेयर ,इन्फेक्टेड वेबसाइट ,नेटवर्क शेयरिंग आदि से आ सकते है। 

मैलवेयर का इस्तेमाल क्यों करते है :

मैलवेयर ज्यादातर वेबसाइट सर्वे करने से आ जाते है। मैलवेयर का उपयोग साइबर क्रिमिनल आपके निजी डाटा का को प्राप्त करने या आपके निजी डाटा को नष्ट करने के लिए करते है।
मैलवेयर की मदद से कोई वेबसाइट आपको अनचाहा अड़वेरटीजमेन्ट को दिखाने के लिए करते है। 

मैलवेयर से कैसे बचा जाये:

मैलवेयर कितने भी हो क्यू न हो आप अपने कंप्यूटर को कुछ महत्वपूर्ण बातो को ध्यान में रखकर बचा सकते है। 
जैसे- ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखे ,डिवाइस में एंटीवायरस एक्टिव रखे पॉपअप डिस्प्ले पर;कभी भी गलती से भी क्लिक न करे। ,अज्ञात यूआरएल पर न क्लिक करे। यदि आपके पास कोई लिंक आता है और आप से ईमेल या किसी अन्य प्रकार के पर्सनल अकॉउंट का पासवर्ड रिसेट करने को कहता है तो तो न करे। डिवाइस को कुछ घंटे या दिनों के  बाद एंटीवायरस से स्कैन करे है।